जानकारी के अनुसार, आजादी के इतने दशक बीत जाने के बाद भी छुआछूत का दंश आज भी देश की बड़ी आबादी को झेलना पड़ रहा है। इसी दंश से जुड़ा एक मामला जिले के अंतर्गत आने वाले अमलाहा गांव में सामने आया है। यहां भंडारे के दौरान दलित और स्वर्ण को अलग-अलग में बैठा कर भोजन कराया जा रहा है।
विरोध में एक समुदाय ने लगाए ‘संविदान बचाओं’ के नारे
ग्राम के दलित समुदाय के लोगों ने आरोप है कि, उनको अलग टेंट में बिठाकर भोजन कराया जा रहा है, जबकि स्वर्ण समाज के लोगों को अलग टेंट में भोजन दिया जा रहा है। दलित समुदाय के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर दलित समाज के लोगों में काफी आक्रोश है। अनेक लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी है। बता दे कि, शिकायत सामने आने के बाद अमलाहा चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की तफ्तीश शुरु कर दी है।
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क्या कहती है पुलिस ?
इस संबंध में अमलाहा चौकी प्रभारी अविनाश भोपले का कहना है कि, वहां टेंट तो अनेक लगे हैं। लेकिन, छुआछूत जैसी कोई बात सामने नहीं आ रही है। कुछ लोगों ने नशा किया हुआ है। वही इस तरह की बातें फैला रहे हैं।